पैरों में जूते, भाव हैं झूठे, सच तो बस है एक झूठ। पैरों में जूते, भाव हैं झूठे, सच तो बस है एक झूठ।
उसके पास है हर मर्ज़ का मुकम्मल इलाज। उसके पास है हर मर्ज़ का मुकम्मल इलाज।
शब्द और मौन, दोनोंं ही जीवन में ज़रूरी हैं और दोनो ही जीवन का अभिन्न अंग हैं शब्द और मौन, दोनोंं ही जीवन में ज़रूरी हैं और दोनो ही जीवन का अभिन्न अंग हैं
अक्सर ऐसे समय में मौन लेने लगता है आकार बढ़ने लगती हैं दूरियां पैदा हो जाती है दरार अक्सर ऐसे समय में मौन लेने लगता है आकार बढ़ने लगती हैं दूरियां पैदा हो...
सब शांत, सब मौन और एकांत खोजता जीवन। सब शांत, सब मौन और एकांत खोजता जीवन।